शनिवार, 11 सितंबर 2010

गणपति चतुथी : ईद-उल-फितर-33वर्ष बाद एक साथ



बाराने रहमत के साथ नमाजियों का इस्तकबाल
भोर होते ही पक्षियों की चहचहाहट के साथ रिमझिम बारिश की बूंदों का आगमन। प्रथम पूज्य गणेश के दर्शनों के लिए भक्तों की कतार और श्रद्धा का अटूट नजारा। वहीं दूसरी ओर ईद—उल—फितर के पावन पर्व पर अकीदतमंदों बारगाह-ए-यजदी में सजदा। गणपति के मंत्रों की अविरल धारा और ईद के पावन मौके पर खुदा की बारगाह में अकीदतमंदों के सजदे के बीच मानो इंद्रदेव भी उनके अभिवादन में उमड़ पड़े। ईद और गणेश चतुर्थी का पर्व 33वर्ष बाद एक साथ आया। अब यह पावन मौका 99 साल बाद आएगा।
प्रणम्ये शीर्षादेवं गौरीपुत्र विनायकं....
गणेश चतुर्थी पर मानो पूरा शहर प्रथम पूज्य की अगवानी में डूब गया हो। शहर के प्रमुख गणेश मंदिरों के अलावा घर—घर में सुबह से ही गौरीपुत्र की महिमा का गान शुरू हो गया।
मोतीडूंगरी गणेशजी मनोहारी पोशाक में नजर आए। वहीं भगवान गणेश स्वर्णमंडित मुकुट और चांदी की धोती में आकर्षक मुद्रा में नजर आ रहे थे। इस अवसर पर मोतीडूंगरी गणेश मंदिर में महंत कैलाश शर्मा के सान्निध्य में विभिन्न झांकियों में मनोहारी पोशाकों के साथ आरती की गई। इसके अतिरिक्त गणेश चतुर्थी पर गढ़ गणेश मंदिर, लाल डूंगरी गणेश मंदिर, नहर के गणेश मंदिर, सिद्धि विनायक मंदिर, दिल्ली रोड के बंगाली बाबा आत्माराम ब्रह्मचारी गणेश मंदिर सहित शहरभर के मंदिरों में विभिन्न आयोजन हुए। इस दौरान मंदिरों में मेले का सा माहौल रहा।
मोतीडूंगरी गणेश मंदिर में तड़के से ही भक्तों की लाइन लगी रही। प्रथम पूज्य की एक झलक देखने के लिए भक्त उत्साह के साथ आगे बढ़ते ही जा रहे थे। बारिश के कारण दोपहर 12 बजे तक भक्तों की संख्या बहुत कम थी। वहीं दोपहर बाद 2 बजे से पासधारकों की लाइन भी लंबी नजर आई। इस बीच तख्तेशाही रोड तक भक्तों की लंबी कतार दिखाई दी।
अल्लाह के बादगाने में ईद का शुक्राना
ईद-उल-फितर के पावन पर्व पर दिल्ली रोड स्थित ईदगाह में बड़ी संख्या में अकीदतमंदों ने नमाज अदा की व खुदा से देश में खुशहाली की दुआ मांगी। इस बीच बाराने रहमत के साथ नमाजियों का इस्तकबाल हुआ।
मुख्य नमाज के लिए ईदगाह में सुबह से ही लोगों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया था। हर कोई आगे की पंक्ति में बैठने के लिए उत्सुक था। सुबह फजर की नमाज के बाद ही घरों में ईद की नमाज की तैयारियां शुरू हो गई थी। युवा, बड़े और यहां तक कि छोटे बच्चे भी नमाज के लिए ईदगाह पहुंचे। सुबह आठ बजते ही रामगंज, घाटगेट, चार दरवाजा, आगरा रोड तथा गलता गेट के रास्तों में नमाजियों का रैला था। ऐसा लग रहा था कि पूरा शहर ही ईदगाह की ओर चल दिया हो।
चीफ काजी खालिद उस्मानी ने खुतबा दिया व नमाज अदा करवाई। चीफ काजी ने कहा कि गणपति चतुर्थी व ईद का एक साथ होना ईश्वर का संदेश है। वह बताना चाहता है कि हिंदू-मुस्लिम एक ही पंथ हैं यह किसी सीमा में बंधे हुए नहीं है। देश दुनिया में इसीलिए भारत की पहचान है कि हिंदू-मुस्लिम आपसी भाईचारे से सभी पर्व मनाते हैं। शहर मुफ्ती अहमद हसन फितरे की अहमियत पर प्रकाश डाला। मौलवी महफूज नासिर व मोहम्मद जाकिर ने तकरीर पेश की।
दूसरी ओर जौहरी बाजार स्थित जामा मस्जिद में इमाम मुफ्ती अमजद अली ने नमाज अदा करवाई। उन्होंने कहा कि ईद का त्योहार अल्लाह की बादगाने में शुक्राने के तौर पर है। इस मौके पर जामा मस्जिद इंतजामिया कमेटी के सचिव अनवर शाह ने मुल्क की तरक्की की दुआ मांगी। आमेर रोड पर शिया जामा मस्जिद में मौलाना सैयद नाजिश अकबर काजमी साहब ने नमाज अदा करवाई। नमाज के बाद नमाजियों ने गिले-शिकवे दूर कर एक दूसरे से गले मिलकर ईद की बधाई दी।