शनिवार, 28 अगस्त 2010

जन्माष्टमी उत्सव पर असमंजस!


जन्माष्टमी को लेकर इस बार असमंजस की स्थिति बनी हुई है। पंचांगों के मुताबिक जन्माष्टमी का पर्व 1 सितंबर को मनाया जाएगा, जबकि गौडिय़ संप्रदाय के मुताबिक जयपुर के आराध्य गोविंददेवजी मंदिर में यह उत्सव 2 सितंबर को मनाया जाएगा।
शास्त्रों के मुताबिक भगवान कृष्ण का जन्म अष्टमी, रोहणी नक्षत्र व अद्र्धरात्रि में हुआ था। इसे देखते हुए पंचांगों के मतानुसार जन्माष्टमी का पर्व 1 सितंबर को मनाया जाएगा। मगर गोविंददेवजी मंदिर में जन्माष्टमी का यह पर्व 2 सितंबर का मनाए जाने और पंचांगों के मत अलग-अलग होने से जन्माष्टमी पर्व मनाने को लेकर असमंजस रहेगा। हालांकि कृष्ण की नगरी मथुरा व वृंदावन में भी यह पर्व 2 को ही मनाया जाना है। मगर तिथियों की स्थिति कृष्ण जन्म के उत्सव की घड़ी को मनाए जाने पर सवाल खड़ कर रही है?
पं.बंशीधर जयपुर पंचांग निर्माता पं.दामोदर प्रसाद शर्मा के मुताबिक हर साल उदियात तिथि के आधार पर गोविंद देवजी में रोहणी युक्त अद्र्धव्यापिनी अष्टमी तिथि में जन्माष्टमी पर्व मनाया जाता है। लेकिन इस बार 2 सितंबर को अद्र्धरात्रि में नवमी तिथि रहेगी व मृगशिरा नक्षत्र रहेगा। इसलिए 1 सितंबर को जन्माष्टमी पर्व मनाना ही श्रेष्ठ रहेगा।
राजस्थान ज्योतिष परिषद के महासचिव डॉ. विनोद शास्त्री के अनुसार जन्माष्टमी का पर्व तो अद्र्धव्यापिनी तिथि में रोहिणी नक्षत्र और अष्टमी में ही मनाया जाना चाहिए। ज्योतिषी दिनेश मिश्रा ने बताया कि भगवान कृष्ण की जन्म की तिथि के अनुसार अद्र्धरात्रि में रोहणी नक्षत्र होने पर ही मनाया जाना श्रेष्ठ माना गया है।
पंचांगों मे ये है तिथि का फेर
सप्तमी तिथि 1 सितंबर को सुबह 10.51 तक रहेगी। इसके बाद अष्टमी तिथि शुरू होगी, जो 2 सितंबर को सुबह10.43 तक रहेगी। इसके बाद नवमी तिथि शुरू हो जाएगी। वहीं रोहिणी नक्षत्र 1 सितंबर को दोपहर 1.19 से शुरू होगा, जो 2 सितंबर को दोपहर 1.47 बजे तक रहेगा। इसके बाद मृगशिरा नक्षत्र शुरू हो जाएगा।

जेडीए ने की महगे पौधों से तौबा


अब सस्ते पौधे लगाने की जगत महंगे पौधों के चोरी होने व मुरझाने से उठाया कदम
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जेडीए ने इस बार महगे पौधे लगाने से तौबा कर ली है। शहर में पिछले दो वर्षो में लगाए गए महगे पौधों के चोरी होने व मुरझाने के कारण जेडीए ने अब सस्ते पौधे लगाने की जुगत शुरू की है।
गत वर्ष जेडीए ने कुल एक लाख पच्चीस हजार पौधे और ब्यूटीफिकेशन के लिए झाडी पेड लगाए थे। इनमें कई पौधों की प्रति पौधा एक हजार रुपए तक की कीमत थी। इनमें से अधिकतर पौधे चोरी हो गए अथवा मुरझा गए। कई स्थानों पर बसावट नहीं होने के कारण जानवरों के निवाले बन गए। इनमें हाथोज, कालवाड, महल रोड रामनगरिया में अधिकतर पौधे चोरों का निशाना बन गए।
गौरतलब है कि गत वर्ष जगतपुरा, रामनगरिया, वैशालीनगर, विद्याधर नगर, कालवाड़ रोड, हाथोज, रोहिणीनगर, लोहामंडी, ट्रांसपोर्ट नगर, एयरपोर्ट रोड, वाईस गोदाम पर रोड साइड व डिवाइडरों पर जेडीए ने पौधे लगाए गए थे। इसके अलावा टोंक रोड व जेएलएन मार्ग पर भी आवश्यकतानुसार पेड़ व पौधे लगाए गए थे।
ये पौधे लगाए गए : जेडीए की योजना में रोड साईड में अमलताश, गुलमोहर, शीशम, अशोक, मोलसरी, चक्रेशिया, स्पेथोडिया,उतरंजिवा, चंपा, कचनार के पेड़ों के अलावा पीली, लाल व ड्वार्फ कनेर, डिकोमा गुडीचुडी, जैड्रोफा, इनर्मी, गोल्डन डूरंट, गुडहल आदि झांडी, छायादार व फूलदार पेड़ लगाए गए।
अब लगाए जाएंगे 6 लाख 18 हजार पौधे : अब छह लाख अ_ारह हजार रुपए के पौधे लगाए जाएंगे। इनमें करंज, नीम, शीशम, गुलमोहर, बेल्टोफोरम, स्पेथोडिया, अमलताश, कचनार, कनेर, टिकोमा, अमेलिया, बोगनवेलिया, कोर्टिय के पौधे कल्पना नगर, राजभवन, पीतांबरा, नारायण विहार, कीर्तिसागर नगर, हाथोज रोड, कालवाड-निवारु रोड, महल रोड, जीरोता, सीतापुरा, मूर्तिकार कॉलोनी, अलंकार विहार, सिरसी रोड आदि क्षेत्रों में लगाए जाएंगे। इन पौधों की कीमत 40 से 350 रुपए तक है।
इनका कहना है :
जेडीए के सीनियर होर्टीकल्चरिस्ट महेश विजयवर्गीय ने बताया कि अशोक के पेड काफी झुलस गए थे। इसलिए इस बार अशोक व अन्य महगेपौधे नहीं लगाए जा रहे। पर्यावरण के अनुकूल पेड लगाए जा रहे है। सस्ते पौधे लगाने का कारण इस बार पौधों पर दरें कम हो गई हैं।

शनिवार, 21 अगस्त 2010

वरिष्ठ भाजपा नेता सीपी ठाकुर पहुंचे जयपुर के ज्योतिषविद की शरण में


ज्योतिषाचार्य पं.पुरुषोत्तम गौड से जाना चुनावी चिंता का हल, वरिष्ठ भाजपा नेता ठाकुर ने कहा किभाजपा-संघ का आपसी तालमेल न होना बना राजस्थान में हार का कारण
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वरिष्ठ भाजपा नेता व बिहार प्रदेशाध्यक्ष चंद्रेश्वर प्रसाद ठाकुर पिछले दिनों गोपनीय यात्रा पर पटना से जयपुर ज्योतिषविद की शरण में पहुंचे। आगामी माह में होने वाले चुनावों की चिंता को दूर करने के लिए वह पटना से यहां स्वेजफार्म निवासी ज्योतिषाचार्य पं.पुरुषोत्तम गौड़ से मंत्रदीक्षा व हाल-ए-चुनाव की जानकारी प्राप्त पहुंचे। सी.पी.ठाकुर ने करीब एक घंटे तक गुप्त मंत्रणा की। इसके बाद वह यहां से दिल्ली के लिए रवाना हो गए। इस के दौरान सी.पी.ठाकुर की विशेष बातचीत के अंश-
--प्रदेश में भाजपा की हार का कारण क्या रहा?
--यूं तो वसुंधरा बहुत अच्छी मुख्यमंत्री साबित हुई हैं मगर संघ और भाजपा का आपसी तालमेल नही बैठ पाने के कारण भाजपा को प्रदेश में हार का सामना करना पड़ा। हालांकि उस समय मैंने राजस्थान का प्रभारी बनाने का प्रस्ताव भी रखा था, मगर कुछ कारणों से इस पर सहमति नहीं हो पाई।
--मुख्यमंत्री के रूप में उनका कार्यकाल कैसा रहा?
--सर्वश्रेष्ठ। जयपुर बम धमाके के दौरान हर पीढि़त के उनकी तत्परता व उनका कार्य सराहनीय रहा।
--राजस्थान की हार से अब बिहार में चुनावी रणनीति के लिए आपने क्या सबक लिया?
--बिहार में संघ के साथ तालमेल और आपसी बातचीत और भाजपा-जदयू के गठबंधन में बिहार में अपना परचम लहराएंगे। इसी बीच उन्होंने कहा कि गुजरात में गोधरा कांड के बावजूद भाजपा की जीत हिंदू-मुस्लिम के भेद को मिटाकर जनसेवक की भावना से ही संभव हो पाई थी।
--जयपुर में ही ज्योतिष सलाह लेने का विचार कैसे आया?
--राजनीतिक सलाहकारों व न्यूज के माध्यम से यहां के ज्योतिष बारे में बहुत सुना था। यही लालसा मुझे यहां पं.गौड़ का आशीर्वाद लेने के लिए खींच लाई।

बुधवार, 11 अगस्त 2010

पारंपरिक पर्व तीज आज

महिलाएं और युवतियां तीज माता से करेंगी अखंड सौभाग्य की कामना,सिंजारे का रहा बेसब्री से इंतजार
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पारंपरिक पर्व तीज गुरुवार को हर्षोल्लास से मनाया जाएगा। इस इस मौके पर चारों ओर तीज के पद गूंज उठेंगे।
महिलाएं और युवतियां लहरिया पहनकर व सोलह शृंगार कर ताल-तलैया के पास तीज माता का पूजन करेंगी। तीज माता से अखंड सौभाग्य की कामना करेंगी। तीज से पहले बुधवार को सिंजारा मनाया गया। इस दौरान घर—-घर में घेवरों और मेहंदी की महक छाई रही। बाजारों में घेवरों और लहरिया खरीदने वालों की भीड़ रही। नवविवाहित युवतियों के लिए और सगाई का पहला सिंजारा ससुराल पक्ष की ओर से भेजा गया। इसमें सुहाग सामग्र्री के साथ घेवर आदि मिठाईयां भेजी गई। इस दौरान नवविवाहित घरों में सिंजारे का बेसब्री से इंतजार रहा। महिलाओं और कन्याओं ने मेहंदी रचाई।
ठाठ-बाट से निकलेगी तीज माता की सवारी
पर्यटन विभाग की ओर से जनानी ड्ïयोढ़ी से पारंपरिक तीज की सवारी निकाली जाएगी। सवारी शाही लवाजमे के साथ शाम 6 बजे रवाना होगी। लवाजमे में हाथी,घोड़े, ऊंट के साथ में कच्छी घोड़ी, अलगोजा, बहरूपिया, कालबेलिया, चकरी और बूंदी के बैल अपनी प्रस्तुति देंगे। इस दौरान लोकनर्तक व अन्य कलाकार सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति देंगे। सवारी विभिन्न मार्र्गों से होकर चौगान स्टेडियम पहुंचकर विसर्जित होगी। इस मौके पर त्रिपोलिया गेट पर हिंद होटल पर दर्शकों व विदेशी पर्यटकों के लिए विशेष व्यवस्था की जाएगी। शुक्रवार को बूढ़ी तीज की सवारी निकाली जाएगी।

हो गया दीदारे चांद, रमजान का पाक माह शुरू


मस्जिदों में तरावी में सुनाया कुराने पाक ....सहरी से इफ्तार तक चलेगा इबादत का दौर
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रमजान का पावन महीना गुरुवार से शुरू होगा। इस दौरान रोजेदार एक माह तक रोजे रखेंगे व मस्जिदों में जाकर इबादत करेंगे।
जौहरी बाजार की जामा मस्जिद में बुधवार को चीफ काजी खालिद उस्मानी की अध्यक्षता में सेंट्रल हिलाल कमेटी की बैठक हुई। चीफ काजी खालिद उस्मानी ने बताया कि जयपुर के आसपास, अजमेर के ऊंटडा व झालरापाटन सहित अनेक क्षेत्रों से चांद दिखाई देने की जानकारी के आधार पर कमेटी ने गुरुवार से रमजान शुरू होने की घोषणा की। इस मौके पर शहर मुफ्ती अहमद हसन, मुफ्ती अमजद अली, मुफ्ति मोहम्मद जाकिर व इजहार अहमद यजदानी उपस्थित थे।
बुधवार को मस्जिदों में कुराने पाक तरावी में सुनाया गया। बड़ी संख्या में अकीदतमंदों ने मस्जिदों में जाकर नमाज अदा की। यह सिलसिला 27 दिन तक जारी रहेगा। रमजान के पाक महीने में रोजेदार प्रतिदिन सुबह से लेकर सूर्यास्त तक खाना पीना छोड़कर इबादत करेंगे। अकीदतमंद सदाचार से अपना समय बिताएंगे। रोजेदार सूर्योदय से एक घंटे पहले सहरी करेंगे। पूरे दिन कार्यों के साथ इबादत करेंगे और शाम को सूर्यास्त के बाद रोजा इफ्तार करेंगे।
जामा मस्जिद के सचिव अनवर शाह ने बताया कि मस्जिद में जिला प्रशासन नगर निगम, पीएचईडी, फायर व अन्य सभी विभागों की ओर से विशेष इंतजाम किए गए हैं। अकीदतमंदों की सुविधा के सभी इंतजाम रहेंगे।

शुक्रवार, 6 अगस्त 2010

सावन में संयोगों की भरमार

सावन माह में इस बार संयोगों की भरमार रहेगी। ज्योतिषविदों के मुताबिक वर्षों बाद तीन वारों का उनके महत्व के अनुसार संयोग भी बन रहा है।
इन संयोगों में मंगल, शनि व सोम को सावन के प्रमुख पर्व, व्रत व ग्रहों का परिवर्तन होगा। इनमें सावन के दोनों प्रदोष व्रत शनिवार को आ रहे हैं। राजस्थान ज्योतिष परिषद के महासचिव डॉ. विनोद शास्त्री व ज्योतिषी पं. चंद्रमोहन दाधीच के अनुसार पौराणिक मान्यतानुसार शनिवार को प्रदोष का आना विशेष महत्व वाला माना गया है। इसी शृंखला में जहां सोमवार 16 अगस्त में शिव की आराधना होगी, वहीं सावन में अधिष्ठाता सूर्यदेव का सोमवार को सूर्य संक्रमण होगा। इस दिन सूर्यदेव स्वयं की ही राशि सिंह में प्रवेश करेंगे। सूर्य का एक राशि से दूसरी राशि में परिवर्तन सूर्य संक्रमण कहलाता है। ज्योतिषी दिनेश मिश्रा ने बताया कि 10 अगस्त मंगलवार को देवपितृकार्य अमावस्या अर्थात हरियाली अमावस्या होगी। वहीं 24 अगस्त को मंगलवार के ही दिन रक्षाबंधन का भी विशेष संयोग बनेगा। रामभक्त हनुमान के वार पर रक्षाबंधन से रक्षासूत्र का बंधन अटूट माना जाता है। वहीं हरियाली अमावस्या पर अखंड सौभाग्य की कामना का सुफल मिलेगा। सावन के विभिन्न संयोगों की शृंखला में ही इससे पहले मंगलवार को ही सावन का शुभारंभ हुआ। वहीं शनिवार को ही नागपंचमी का पर्व मनाया गया।

जंतर-मंतर के बफर जोन में आ रहे मंदिरों का होगा कायाकल्प


देवस्थान के तीन मंदिर हैं बफर जोन में, विभाग ने दी पुरातत्व विभाग को सक्षम स्वीकृति
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विश्व धरोहरों की सूची में 28 वां स्थान प्राप्त कर चुके जंतर-मंतर के बफर जोन में आ रहे मंदिरों का कायाकल्प होगा। फिलहाल पुरातत्व विभाग ने एक मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए देवस्थान विभाग को प्रस्ताव भेजा है।
जंतर-मंतर के बफर जोन में देवस्थान विभाग के तीन मंदिर आ रहे हैं। इनमें चांदनी चौक स्थित आनंद कृष्ण विहारीजी मंदिर, बृजनिधिजी मंदिर और प्रतापेश्वर महादेव मंदिर शामिल हैं। पुरातत्व विभाग ने प्राचीन आनंद कृष्ण बिहारीजी मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए करीब 26 लाख का प्रस्ताव तैयार किया है। जंतर-मंतर के विश्व धरोहर में शामिल होने के बाद देवस्थान विभाग के इन मंदिरों की देखभाल पुरातत्व विभाग भी करेगा। वहीं नियमानुसार विश्व धरोहर के 200 मीटर की परिधि में आ रहा क्षेत्र विशेष संरक्षण श्रेणी में माना जाएगा
बफर जोन : पुरातत्वविदों के मुताबिक दो बड़ी रियासतों के मध्य आ रही छोटी रियासत को बफर जोन में माना जाता है।
इनका कहना है
फिलहाल देवस्थान विभाग से आनंद कृष्ण बिहारीजी मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए 26 लाख का प्रस्ताव तैयार कर स्वीकृति मांगी है।-जितेंद्र जोशी, एक्सईएन, पुरातत्व विभाग
पुरातत्व विभाग से प्रस्ताव स्वीकृति के लिए भिजवाया जा चुका है। - पंकज प्रभाकर, सहायक आयुक्त, देवस्थान विभाग

सोमवार, 2 अगस्त 2010

अब कलेक्टर की अनुमति से ही होंगे सामूहिक विवाह

महिला बाल विकास विभाग ने बदले नियम, बाल विवाह पर अंकुश लगाने के लिए बढ़ाई कलेक्टर की मॉनिटरिंग, संस्थानों की राशि 2 लाख से बढ़ाकर 10 लाख की-----------------------
15 दिन पहले लेनी होगी अनुमति, तीन दिन पहले तय जोड़ों का पूरा ब्यौरा देना होगा कलेक्टर को-------------

बाल विवाह पर प्रभावी नियंत्रण के लिए अब सामूहिक विवाह समारोह के आयोजन से पहले संबंधित संस्था को कलेक्टर से अनुमति लेनी होगी। इसके लिए सरकार ने नियमों में संशोधन कर दिया है। अनुमति नहीं लेने की स्थिति में संस्था का रजिस्टे्रशन रद्द हो सकता है। इसके साथ ही सरकार ने सामूहिक विवाहों को प्रोत्साहन देने के लिए सामाजिक संस्थाओं को मिलने वाले अनुदान में पांच गुणा बढ़ोतरी कर दी है।
महिला एवं बाल विकास विभाग ने राजस्थान सामूहिक विवाह अनुदान नियमन व अनुदान नियम- 1996 में हाल ही में संशोधन किया है। इसके तहत सामूहिक विवाह का आयोजन करने वाली संस्था के लिए यह जरूरी होगा कि वह कलेक्टर से 15 दिन पहले सामूहिक विवाह सम्मेलन की अनुमति प्राप्त करे। सम्मेलन में विवाह बंधन में बंधने वाले जोड़ों की संख्या और उनके बारे में पूरी जानकारी 3 दिन पहले तक कलेक्टर के पास पहुंचानी भी अनिवार्य होगी। ताकि कलेक्टर यह सुनिश्चित कर सके कि सम्मेलन में कहीं अव्यस्क जोड़ों की शादी तो नहीं हो रही है।
ऐसे मिलेगी अनुमति- संस्था को आवेदन के निर्धारित प्रपत्र में प्रत्येक जोड़े की आयु का प्रमाणिक विवरण देना होगा। विवाह स्थल की पूर्ण जानकारी पेश करनी होगी। आयोजक संस्था को यह सुनिश्चित करना होगा कि समारोह स्थल पर आकस्मिक परिस्थितियों से निबटने के लिए चिकित्सा, अग्रिशमन व अन्य व्यवस्थाएं कर दी गई है।
पांच गुणा बढ़ा अनुदान

संशोधित नियमों के तहत कम से कम 10 जोड़े और अधिक से अधिक 166 जोड़ों के लिए अनुदान का प्रावधान है। इनमें अनुदान प्रति जोड़ा 6000 रुपए देय होगा। प्रति जोड़ा अनुदानित राशि में 25 प्रतिशत की राशि संस्था को विवाह आयोजन के रूप में देय होगी, जबकि 75 प्रतिशत राशि नव विवाहिता के नाम से डाकघर या अधिसूचित राष्ट्रीयकृत बैंक में न्यूनतम तीन वर्षकी अवधि के लिए सावधि जमा कराई जाएगी।
सूचना नहीं देने पर होगी कार्यवाई
सामूहिक विवाह की सूचना जिला कलेक्टर को नहीं देने पर संबंधित संस्था के खिलाफ नियम के तहत कार्रवाई की जाएगी। इनमें संस्था को कम से कम एक हजार और अधिक से अधिक पांच हजार रुपए जुर्माना देना होगा। इसके अलावा संस्था का पंजीकरण निरस्त किया जा सकता है या भविष्य में सामूहिक विवाह आयोजित करने के लिए अयोग्य षित किया जा सकता है।
इनका कहना है
सामूहिक विवाह सम्मेलनों में होने वाले फर्जीवाड़े को रोकने और समाज में फैली कुरीतियों के प्रति लोगों को जागरुक करने के लिए राजस्थान सामूहिक विवाह अनुदान नियमन व अनुदान नियम 1996 में संसोधन किया गया है। इसका पालन नहीं करने वाली संस्था के खिलाफ उचित कार्रवाई का प्रावधान भी रखा गया है।- एस.के.अग्रवाल, अतिरिक्त निदेशक, महिला अधिकारिता विभाग।