शुक्रवार, 6 अगस्त 2010

सावन में संयोगों की भरमार

सावन माह में इस बार संयोगों की भरमार रहेगी। ज्योतिषविदों के मुताबिक वर्षों बाद तीन वारों का उनके महत्व के अनुसार संयोग भी बन रहा है।
इन संयोगों में मंगल, शनि व सोम को सावन के प्रमुख पर्व, व्रत व ग्रहों का परिवर्तन होगा। इनमें सावन के दोनों प्रदोष व्रत शनिवार को आ रहे हैं। राजस्थान ज्योतिष परिषद के महासचिव डॉ. विनोद शास्त्री व ज्योतिषी पं. चंद्रमोहन दाधीच के अनुसार पौराणिक मान्यतानुसार शनिवार को प्रदोष का आना विशेष महत्व वाला माना गया है। इसी शृंखला में जहां सोमवार 16 अगस्त में शिव की आराधना होगी, वहीं सावन में अधिष्ठाता सूर्यदेव का सोमवार को सूर्य संक्रमण होगा। इस दिन सूर्यदेव स्वयं की ही राशि सिंह में प्रवेश करेंगे। सूर्य का एक राशि से दूसरी राशि में परिवर्तन सूर्य संक्रमण कहलाता है। ज्योतिषी दिनेश मिश्रा ने बताया कि 10 अगस्त मंगलवार को देवपितृकार्य अमावस्या अर्थात हरियाली अमावस्या होगी। वहीं 24 अगस्त को मंगलवार के ही दिन रक्षाबंधन का भी विशेष संयोग बनेगा। रामभक्त हनुमान के वार पर रक्षाबंधन से रक्षासूत्र का बंधन अटूट माना जाता है। वहीं हरियाली अमावस्या पर अखंड सौभाग्य की कामना का सुफल मिलेगा। सावन के विभिन्न संयोगों की शृंखला में ही इससे पहले मंगलवार को ही सावन का शुभारंभ हुआ। वहीं शनिवार को ही नागपंचमी का पर्व मनाया गया।

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