श्रीश्री रविशंकर आश्रम में श्रीश्री ने कहा कि हम इतने मूर्ख नहीं कि ये कहें कि सारे गवर्नमेंट स्कूल में नक्सलवाद पैदा हो रहा है, नक्सली क्षेत्रों के सरकारी स्कूलों के बच्चे अक्सर हिंसा से ग्रस्त
आर्ट ऑफ लिविंग के प्रणेता श्रीश्री रविशंकर ने कहा है कि मुख्य उद्देश्य ये नहीं है कि स्कूल सरकार चलाए या निजी संस्थाएं चलाएं। उद्देश्य ये है कि एक आदर्श व्यक्तित्व निकले। सारी निजी संस्थाएं बाजारीकरण नहीं हैं कई संस्थाएं सेवाभावी भाव से स्कूल चला रहे हैं। हम खुद भी स्कूल चला रहे हैं। 185 से ज्यादा हमारे स्कूल चल रहे हैं।
जयपुर में प्रतापनगर सेक्टर-26 के श्रीश्री रविशंकर आश्रम में मीडिया से मुखातिब श्रीश्री ने मंगलवार को विवादित बयान के बारे में कहा कि जो नक्सलवाद से ग्रस्त क्षेत्र हैं वहां अक्सर यही पाया गया है। वहां सरकारी स्कूलों में पढ़े बच्चे अक्सर हिंसा से ग्रस्त पाए गए हैं। पूर्वांचल और यूपी के क्षेत्रों में पाया गया। अच्छा है राजस्थान में वो नक्सली प्रभाव नहीं। आदर्श विद्यालयों को मैंने ये प्रेरणा दी कि आप नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में अपने संस्थान खोले। हम इतने मूर्ख नहीं कि ये कहें कि सारे गवर्नमेंट स्कूल्स में नक्सलवाद पैदा हो रहा है। किसी भी स्कूल को जनरलाइज नहीं करते हैं। मैं बहुत सोच समझकर बोलता हूं। कुछ लोग ये कह रहे हैं कि हमारा संतुलन बिगड़ गया है वो हमारा बयान दुबारा पढ़ें। हमने ये नक्सली क्षेत्रों के लिए कहा था। वहां कुछ रुग्ण विद्यालय हैं जिनसे इस तरह के तत्व बाहर निकल के आए हैं। उन विद्यालयों के निजीकरण पर मैंने जोर दिया है।
नक्सल प्रभावी क्षेत्रों के सरकारी स्कूलों में नैतिकता की कमी नक्सल प्रभावी क्षेत्रों में स्कूल ढंग से नहीं चल रहे वहां नैतिकता की शिक्षा नहीं दी जा रही। जब हम वहां दौरे पर थे और छोटे-छोटे बचें से बात की, कि आगे बड़े होकर क्या करना चाहते हो, तो अधिकांश बच्चों ने ये कहा कि नक्सल बनना चाहता हूं। ये नक्सली बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़े हुए थे। मैंने ऐसे क्षेत्रों में आदर्श विद्या मंदिर खोलने के लिए कहा।
अपवाद हर जगह मिलते हैं अयोध्या के दौरे के दौरान प्राइवेट स्कूल के एक बच्चे द्वारा टीचर को गोली मारने की घटना के सवाल के बारे में श्रीश्री ने कहा कि अपवाद हर बात में है ये जरूरी नहीं कि सभी प्राइवेट स्कूलों में अच्छा हो। वो एक मोरल और कमिटमेंट और जिम्मेदारी लेकर बच्चों को सिखाते हैं। जो सरकारी स्कूलों में नहीं दिखाई देता।
उत्तरी व पूर्वांचल क्षेत्रों में शिक्षा पद्धति में काफी सुधार की जरूरत
नक्सली क्षेत्रों में बच्चों को वो ही आदर्श लगता है। वहां ये सिखाया जाता है कि तुम अपने बल पर ही राज करोगे। झारखंड में, छत्तीसगढ, आंध्रप्रदेश के कई इलाकों में जाकर दौरे करो और विश्लेषण करो। वहां कई जगह ऐसा मिलेगा कि शिक्षा पद्धति में काफी सुधार की आवश्यकता है। विवाद उठाने हैं तो किसी भी बात पर उठा सकते हैं। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता।
शिक्षा पद्धति में हो सुधार ज्यादा से ज्यादा लोग जिम्मेदारी से स्कूलों में काम करने के लिए आगे बढ़ें। वर्तमान में शिक्षा पद्धति में कई सुधार की आवश्यकता है। इसके साथ-साथ टीचर्स ट्रेनिंग की जरूरत भी है।
आर्ट ऑफ लिविंग के प्रणेता श्रीश्री रविशंकर ने कहा है कि मुख्य उद्देश्य ये नहीं है कि स्कूल सरकार चलाए या निजी संस्थाएं चलाएं। उद्देश्य ये है कि एक आदर्श व्यक्तित्व निकले। सारी निजी संस्थाएं बाजारीकरण नहीं हैं कई संस्थाएं सेवाभावी भाव से स्कूल चला रहे हैं। हम खुद भी स्कूल चला रहे हैं। 185 से ज्यादा हमारे स्कूल चल रहे हैं।
जयपुर में प्रतापनगर सेक्टर-26 के श्रीश्री रविशंकर आश्रम में मीडिया से मुखातिब श्रीश्री ने मंगलवार को विवादित बयान के बारे में कहा कि जो नक्सलवाद से ग्रस्त क्षेत्र हैं वहां अक्सर यही पाया गया है। वहां सरकारी स्कूलों में पढ़े बच्चे अक्सर हिंसा से ग्रस्त पाए गए हैं। पूर्वांचल और यूपी के क्षेत्रों में पाया गया। अच्छा है राजस्थान में वो नक्सली प्रभाव नहीं। आदर्श विद्यालयों को मैंने ये प्रेरणा दी कि आप नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में अपने संस्थान खोले। हम इतने मूर्ख नहीं कि ये कहें कि सारे गवर्नमेंट स्कूल्स में नक्सलवाद पैदा हो रहा है। किसी भी स्कूल को जनरलाइज नहीं करते हैं। मैं बहुत सोच समझकर बोलता हूं। कुछ लोग ये कह रहे हैं कि हमारा संतुलन बिगड़ गया है वो हमारा बयान दुबारा पढ़ें। हमने ये नक्सली क्षेत्रों के लिए कहा था। वहां कुछ रुग्ण विद्यालय हैं जिनसे इस तरह के तत्व बाहर निकल के आए हैं। उन विद्यालयों के निजीकरण पर मैंने जोर दिया है।
नक्सल प्रभावी क्षेत्रों के सरकारी स्कूलों में नैतिकता की कमी नक्सल प्रभावी क्षेत्रों में स्कूल ढंग से नहीं चल रहे वहां नैतिकता की शिक्षा नहीं दी जा रही। जब हम वहां दौरे पर थे और छोटे-छोटे बचें से बात की, कि आगे बड़े होकर क्या करना चाहते हो, तो अधिकांश बच्चों ने ये कहा कि नक्सल बनना चाहता हूं। ये नक्सली बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़े हुए थे। मैंने ऐसे क्षेत्रों में आदर्श विद्या मंदिर खोलने के लिए कहा।
अपवाद हर जगह मिलते हैं अयोध्या के दौरे के दौरान प्राइवेट स्कूल के एक बच्चे द्वारा टीचर को गोली मारने की घटना के सवाल के बारे में श्रीश्री ने कहा कि अपवाद हर बात में है ये जरूरी नहीं कि सभी प्राइवेट स्कूलों में अच्छा हो। वो एक मोरल और कमिटमेंट और जिम्मेदारी लेकर बच्चों को सिखाते हैं। जो सरकारी स्कूलों में नहीं दिखाई देता।
उत्तरी व पूर्वांचल क्षेत्रों में शिक्षा पद्धति में काफी सुधार की जरूरत
नक्सली क्षेत्रों में बच्चों को वो ही आदर्श लगता है। वहां ये सिखाया जाता है कि तुम अपने बल पर ही राज करोगे। झारखंड में, छत्तीसगढ, आंध्रप्रदेश के कई इलाकों में जाकर दौरे करो और विश्लेषण करो। वहां कई जगह ऐसा मिलेगा कि शिक्षा पद्धति में काफी सुधार की आवश्यकता है। विवाद उठाने हैं तो किसी भी बात पर उठा सकते हैं। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता।
शिक्षा पद्धति में हो सुधार ज्यादा से ज्यादा लोग जिम्मेदारी से स्कूलों में काम करने के लिए आगे बढ़ें। वर्तमान में शिक्षा पद्धति में कई सुधार की आवश्यकता है। इसके साथ-साथ टीचर्स ट्रेनिंग की जरूरत भी है।