-संवत 2067 का राजा बनेगा मंगल व मंत्री होंगेे बुध
-अगली बार 17 साल बाद संवत 2084 बनेगा यह संयोग
-शोभन नामक नववर्ष में सूर्य के सीमाधिपति होने से सीमाओ पर रहेगी हलचल
चैत्र शुक्लपक्ष प्रतिपदा या नवसंवत्सर 2067 के आगमन पर ग्रहों के सत्ता परिवर्तन पर 39 वर्ष बाद नवसंवत्सर के राजा व मंत्री नीच राशि में आने का विशेष संयाग बन रहा है। नवसंवत्सर पर ग्रहों का मंत्रीमंडल बदल जाएगा। शोभन नाम के इस हिंदी वर्ष का राजा मंगल होगा और मंत्री बुध बनेंगे।
ग्रहों के इस मंत्री मंडल में सीमाधिपति सूर्य के बनने के कारण इस वर्ष सीमा पर हलचल बनी रहेगी। वहीं महंगाई बढऩे के आसार रहेंगे। पं.बंशीधर जयपुर पंचांग निर्माता पं. दामोदर प्रसाद शर्मा के अनुसार चैत्र शुक्ल पक्ष प्रतिपदा से भारतीय नव संवत्सर शुरू होता है जिस प्रकार राष्ट्रों के सुव्यवस्थित संचालन के लिए राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री का चुनाव होता है। मंत्रीमंडल का गठन होता है उसी प्रकार आकाशीय कौंसिल में विभिन्न पदों के लिए चयनित ग्रहों की प्रकृति, स्वभाव, परस्पर मैत्री के अनुसार पूरे वर्ष का घटनाक्रम चलता है।
चार ग्रह होंगे नीच राशिगत :
सीताबाड़ी निवासी ज्योतिषाचार्य पं.चन्द्रमोहन दाधीच के अनुसार 17 नवंबर 2009 से राहु व केतु भी नीच राशि में चल रहे हैं। यह दोनों ग्रह आगामी संवत 2067 के अंत तक नीच राशि में ही भ्रमण करेंगे। इस प्रकार संवत 2067 के शुरू होने के समय एक साथ चार ग्रह अपनी अपनी नीच राशि में रहेंगे। 15 मार्च को मध्यरात्रि बाद 2 बजकर 23 मिनट से शुरू होने वाले संवत 2067 में मंत्रीमंडल के लिए चल रही उठापटक के पदाधिकारी इस प्रकार होंगे।
मगल : राजा, मेघेष
बुध : मंत्री
चंद्रमा : सेनाधिपति,फलेश
सूर्य : सीमाधिपति
गुरु : शीतकालीन फसलों का स्वामी,धनेश
शुक्र : अग्रधन्याधिपति, नीरसाधिपति
शनि : कोई पद नहीं
इससे पहले संवत 2028 में बना था यह योग
इससे पहले यह योग संवत 2028 में वर्ष 1971 में बना था। अब यह संयोग 17 साल बाद संवत 2084 में बनेगा।
सत्तापक्ष में उत्पन्न होंगे मतभेद, बढ़ेंगी महंगाई
ज्योतिषी पं.पुरुषोत्तम गौड़ के अनुसार नवसंवत्सर का राजा मंगल अग्रि तत्व प्रधान, भूमि, भवन, मशीनरी, उद्योग नेतृत्व कारी है। इसके नीच राशि में होने से सत्ता पक्ष में परस्पर मतभेद की स्थितियां उत्पन्न होंगी। कहीं भीषण अग्रिकांड, भूकंप व आगजनी की घटनाओं में वृद्धि होगी। कइ्र राज्यों में वर्षा की कमी के संकेत मिलेंगे। इससे धान्यों का अभाव रहेगा। जनता महंगाई से परेशान रहेगी। सत्तारुढ सरकार किसानों व कल कारखानों के संबंध में नई नीतियों का निर्धारण करेगी। सीमा प्रांतों में सैन्य क्षमताओं की वृद्धि के इंतजाम किए जाएंगे। मंत्री बुध के नीच राशिगत होने से वायु की अधिकता से फसलों को नुकसान के आसार रहेंगे। जनता में हर्ष व संतोष का वातावरण रहेगा।
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