शनिवार, 9 जनवरी 2010

सोने की चमक में भूले कायदे-कानून

जयपुर। सिक्योरिटी और मनी ट्रांजेक्शन करने वाली जिस एजेंसी से हाल में 51 लाख रुपए का तीन किलो सोना चोरी हुआ, वह कायदों को ताक पर रखकर बिना लाइसेंस के चल रही है। एजेंसी ने प्राइवेट सिक्योरिटी एजेंसीज एक्ट के तहत राजस्थान में कारोबार के लिए जो आवेदन किया था, वह बीते साल सितंबर में निरस्त किया जा चुका है। लेकिन, एजेंसी नियम-विरुद्ध तरीके से अपना कारोबार जारी रखे हुए हैं। सोना चोरी की वारदात के बाद जब पुलिस जांच में यह तथ्य आया तो जयपुर में उसका कारोबार बंद करवाया गया है। नतीजतन, इसी सप्ताह एक और प्राइवेट बैंक का दो सौ किलो सोना जयपुर नहीं पहुंच सका।
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, जी 4 एस सिक्योरिटी कंपनी राजस्थान में सिक्योरिटी, फेसेलिटी और कैश ट्रांजेक्शन, तीन तरह का कारोबार कर रही है। दि प्राइवेट सिक्योरिटी एजेंसीज (रेगुलेशन) बिल 2005 के तहत कोई भी सिक्योरिटी एजेंसी सरकार से विधिवत लाइसेंस लिए बिना कारोबार नहीं कर सकती है। लेकिन, जी 4 एस सिक्योरिटी न सिर्फ सिक्योरिटी बल्कि मनी व गोल्ड ट्रांजेक्शन जैसा जोखिम भरा कारोबार कर रही है। इस कंपनी ने राजस्थान में सिक्योरिटी एक्ट के तहत लाइसेंस के लिए आवेदन किया था, लेकिन लाइसेंस के लिए एक्ट के तहत आवश्यक शर्ते पूरी नहीं करने के कारण इस कंपनी के लाइसेंस का मामला सितंबर 09 में अटक गया था। तब सिक्योरिटी कंपनी के लिए लाइसेंस देने के मामले राजस्थान पुलिस अकादमी के डायरेक्टर देख रहे थे। तीन महीने पहले यह काम वहां से आईजी (सिक्योरिटी) को शिफ्ट कर दिया गया।

इसलिए रद्द हुआ था आवेदन : कंपनी के लाइसेंस का आवेदन एक्ट की धारा 6 (2) की शर्त पूरी नहीं करने के कारण रद्द किया गया था। सिक्योरिटी एक्ट के अंतर्गत आवेदन करने वाली कंपनी यदि भारत में रजिस्ट्रर्ड नहीं हो और उसके ज्यादातर शेयर होल्डर, पार्टनर या डायरेक्टर भारतीय नहीं हो तो कंपनी लाइसेंस के योग्य नहीं मानी जाएगी।

यूं मिलता है लाइसेंस1. सिक्योरिटी एजेंसी के लिए गृह विभाग में आवेदन करना होता है। 2. लाइसेंस के लिए सेना, संघ व राज्य के सशस्त्र बलों, पुलिस व होमगार्ड को प्राथमिकता दी जाती है।3. आवेदक निर्धारित प्रारूप में आवेदन पत्र प्रस्तुत करेगा, जिसके साथ शपथ पत्र देना होता है। इसमें अपराधी या दिवालिया ना होने व भारत में पजीकृत होने व अधिकांश शेयर धारक भारत के होने का उल्लेख होगा।4. लाइसेंस मिलने के बाद यह पांच साल की अवधि के लिए मान्य होगा। इसके बाद इसका नवीनीकरण कराना होगा।

नियमों का उल्लंघन करने पर सजा : लाइसेंस लेने के बाद कंपनी अगर एक्ट के नियमों का उल्लंघन करती है तो उसका लाइसेंस एक साल के लिए निलंबित किया जा सकता है या कंपनी पर 25 हजार रुपए का जुर्माना लग सकता है या दोनों सजा भी दी जा सकती है।

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