बुधवार, 9 जून 2010
शुक्र ने बदली चाल, मिथुन राशि को छोड़ कर्क में प्रवेश
गुरु की कर्क राशि पर पूर्ण दृष्टि से प्रदेश में शीघ्र ही बनेंगे मानसून के संकेत
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आकाश के सबसे चमकीले ग्रह शुक्र ग्रह ने बुधवार को मिथुन राशि को छोड़कर कर्क राशि में प्रवेश किया। शुक्र का राशि परिवर्तन मानसून में गति लाएगा। वहीं प्रदेश में शीघ्र ही मानसून के संकेत मिलेंगे।
ज्योतिषीय गणना के तहत वर्तमान में कर्क राशि पर चल रही गुरु की पांचवीं दृष्टि से संपूर्ण राजस्थान में बारिश होने के आसार पनपेंगे। पं.बंशीधर जयपुर पंचांग निर्माता दामोदर प्रसाद शर्मा के अनुसार शुक्र ग्रह कर्क राशि में 4 जुलाई तक रहेगा। कर्क राशि में बृहस्पति की पूर्ण दृष्टि होने से यह वर्षा का कारक बनेगा। इसके बाद सिंह राशि का शुक्र होने पर वर्षा में कमी आएगी व वायु प्रकोप बढ़ेगा।
रोहिणी का कम तपना कम बारिश का द्योतक
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इस वर्ष रोहिणी तपी जरूर है, मगर बीच-बीच में बारिश व धूल आंधी आने से रोहिणी जितनी तपनी चाहिए, उतनी नहीं तप पाई। राजस्थान ज्योतिष परिषद के महासचिव डॉ. विनोद शास्त्री के मुताबिक ऐसा माना जाता है कि अगर रोहिणी अच्छी तपे तो बारिश खूब होती है, चारों ओर हरियाली छा जाती है और अगर रोहिणी कम तपे तो बारिश कम आने के आसार पैदा हो जाते हैं। इस बार बीच में आंधी व बादल होने से आशा से कम बारिश हो सकती है। इस वर्ष संवतसर का राजा मंगल है, अगर किसी वर्ष का राजा मंगल होता है तो वर्षा की कमी के संकेत मिलते हैं। मंगल के कारण बारिश अपेक्षा से कम होती है। इसके अलावा अग्निकांड की घटनाएं बढ़ जाती हैं। पिछले दिनों अग्निकांड तथा तेज गर्मी पडऩे की घटनाएं भी इसी कारण हुई थीं। मेघेष (वर्षा का मालिक) भी मंगल है। मंगल अग्नि का कारक है तो वर्षा की कमी को दर्शाता है।
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सिंह राशि छोडकर कर्क में प्रवेश ??
जवाब देंहटाएंमेरी गलती याद दिलाने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद। मैंने भूल सुधार कर लिया है।
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