शुक्रवार, 16 जुलाई 2010

जो आत्मिक ज्ञान कराए वही है सद्गुरु : आचार्य किरीट


गुरुपूर्णिमा महोत्सव के तहत आचार्य किरीट भाई एक दिवसीय सत्संग प्रवचन
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गुरु पूर्णिमा महोत्सव के तहत एक दिवसीय सत्संग प्रवचनों में शुक्रवार को आचार्य किरीट भाई ने कहा कि गुरु अपनी कटाक्ष दृष्टि से शिष्य का उद्धार करता है।
आचार्य ने कहा कि जीवन में गुरु हर कोई हो सकता है माता-पिता, भाई-बहिन। जो व्यवहारिक जीवन का ज्ञान दे वहीं गुरु होता है। इस दौरान भजन गायक जगदीश के निर्देशन में कलाकारों ने मेरे सद्गुरु हैं रंगरेज, चुनरिया मेरी रंग दीनी...भजन से साधकों को भक्तिरस से सराबोर कर दिया। इस मौके पर किरीट भाई ने रंगरेज का अर्थ समझाते हुए कहा कि दुनिया के सभी रंग लाल, नीले और पीले रंग से बनते हैं। उन्होंने कहा कि गुरु वह है जो आत्मा का ज्ञान कराए और ईश्वर प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त करे। जीवन के अंधकार और भय को हटाकर ज्ञान को बढ़ावा दे। शंका समाधान में एक शिष्य द्वारा पूछे गए प्रश्र के जबाव में उन्होंने कहा कि भक्ति मंत्र का कोई मूल्य नहीं है। भगवान बिना भक्ति के किसी के पास नहीं आते। महेात्सव में आचार्य ने भक्तों को लक्ष्मी यंत्र भेंट किए गए। इस मौके पर उन्होंने लक्ष्मीजी की कथा सुनाई और लक्ष्मी यंत्र का महत्व समझाया। अंत में लड्डू गोपालजी की पूजा की गई। इसके बाद बड़ी संख्या में भक्तों ने पादुका पूजन किया।

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